करता था इस दुनिया, पे राजहुकम पे अपने था, मुझे बड़ा नाज़पत्ते भी फरकते नहीं, एक इजाज़त के बगैरबगावत करने वाले, सारे हो जाते ढेर(Music piece 1)हिलने लगते परबत, मेरे एक इशारे सेरुक जाते थे झरने, मेरे केहने सेबादशाहों-सी थी, मेरी हरेक चाल,मस्ती में रेहता, मैं खुश-हाल(Music piece 1, once again)ना थी कमी, किसी बात की,तिजोरी थी, मेरी मालामालसारी चीज़े थी, मेरे काबू मेंमहसूस करता मेरा डर, दुश्मन की आंखों मेंअब देखो बिल्कुल, मैं अकेला हुंजैसे टुटा हुवा, कोई तारा हुंजब से मैंने हैँ, चाबी संभालीसारे रास्ते मेरे, बंध होने लगेमैंने जाना मेरे, सारे किल्ले,खड़े थे किसी, रेत के खंभों पेसुन सकता हूँ घंटों की आवाज़ें,रणवीरों के गीतों की पुकारें"बन जाओ मेरी तलवार और मेरी ढालप्रचारक घूम रहे बिदेश मेँ फिलहाल"ऐसी वजह जिसको समझा नहीं सकता,कोई फ़क़ीर मेरा नाम नहीं लेगाएक बार जाओ, फिर कोई ईमानदार लब्ज़ नहीं,पर ये तब था, जब मैं दुनिया पे करता था राज....वो थी तेज़ जंगली हवाएं,मुझे अंदर लाने के लिएजिसने दरवाज़े फूंक डाले,जिसने खिड़कियां तोड़ डालीऔर ढोल के बजने की आवाज़ेंलोग मान नहीं सकते थेक्या से क्या, था बन गया मैंइन्तज़ार में थे क्रांतिकारी सारेचांदी की प्लेट पे कब मेरा सर लाया जाए!एक ड़ोर पे लटकती कठपुतली था मैं,ऐसा बादशाह कौन बनना चाहेगा रे,चाहेगा रेसुन सकता हूँ घंटों की आवाज़ें,रणवीरों के गीतों की पुकारें"बन जाओ मेरी तलवार और मेरी ढालप्रचारक घूम रहे बिदेश मेँ फिलहाल"ऐसी वजह जिसको समझा नहीं सकताकोई फ़क़ीर मेरा नाम नहीं लेगाएक बार जाओ, फिर कोई ईमानदार लब्ज़ नहींपर ये तब था, जब मैं दुनिया पे करता था राज....
(Music piece 3 - ओ ओ ओओ, ओ ओ ओओ)
सुन सकता हूँ घंटों की आवाज़ें,रणवीरों के गीतों की पुकारें"बन जाओ मेरी तलवार और मेरी ढालप्रचारक घूम रहे बिदेश मेँ फिलहाल"ऐसी वजह जिसको समझा नहीं सकताकोई फ़क़ीर मेरा नाम नहीं लेगाएक बार जाओ, फिर कोई ईमानदार लब्ज़ नहींपर ये तब था, जब मैं दुनिया पे करता था राज**************************
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